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Monday 20 April 2020

कोरोना काल में नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों के पोषण को न करें नजरंदाज

कोरोना संक्रमण के कारण नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों के पोषण को बाधित होने से बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है. इसको लेकर बाल स्वास्थ्य के सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के दौरान नवजात शिशु के स्तनपान एवं छोटे बच्चों के आहार को लेकर चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी (स्टाफ नर्स, एएनएम, आरएमएनसीएच प्लस ए काउंसलर, ममता एवं आशा) के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. newborn nutrition corona virus

 

स्तनपान एवं संपूरक आहार देता है बेहतर स्वास्थ्य: 

बाल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विजय प्रकाश राय ने बताया शिशु जन्म के 1 घन्टे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराने से नवजात शिशु मृत्यु दर में 20% की कमी लायी जा सकती है. वहीँ 6 माह तक सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया से 11% एवं निमोनिया से 15% तक कम मृत्यु की संभावना होती है. 6 माह तक शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए एवं 6 माह के बाद शिशु को संपूरक आहार देना शुरू कर देना चाहिए.

 

साथ ही शिशु के बेहतर विकास के लिए कम से कम 2 साल तक शिशु को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए. संपूरक आहार से बच्चे का उपयुक्त शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है तथा बच्चा कुपोषणजनित कई तरह के बीमारियों से बचा रहता है. इसलिए यह जरुरी है कि कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सक के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी नवजात शिशुओं के स्तनपान एवं शिशुओं के संपूरक आहार की जरूरत के विषय में आम-जनता को जागरूक एवं जानकारी प्रदान करें. newborn nutrition corona virus

 

1 घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत एवं 6 माह तक केवल स्तनपान जरुरी: 

• शिशु जन्म के 1 घन्टे के भीतर स्तनपान कराना जरुरी होता है. साथ ही 6 माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए. माँ का दूध शिशु को कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है 

• माँ के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं 

• स्वास्थ्य संस्था में या किसी स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा दूध की बोतलें, निप्पल या डमीज को बढ़ावा न दें 

 

माँ में बुखार, खाँसी या सांस लेने में कोई तकलीफ़ जैसे लक्षण दिखने पर 

• तुरंत चिकित्सक से सलाह लें 

• बच्चे के संपर्क में आने पर मास्क पहनें. खांसते या छींकते समय मुँह को रुमाल या टिश्यू पेपर से ढकें

• छींकने या खांसने के बाद, दूध पिलाने से पहले एवं बाद हाथों को पानी एवं साबुन से 40 सेकंड तक धोएं 

• किसी भी तरह के सतह को छूने के बाद हाथों को पानी एवं साबुन से 40 सेकंड तक धोएं या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें 

 

माँ यदि स्तनपान नहीं करा सकती हैं तो ये करें:

• अपना दूध कटोरे में निकाल लें. इसके लिए हाथों को साबुन या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से 40 सेकंड तक साफ़ करें. जिस कटोरी में दूध निकालें उसे अच्छी तरह गर्म पानी एवं साबुन से धो लें 

• अपना निकला हुआ दूध पिलाने से पहले भी मास्क का इस्तेमाल करें. साथ ही चम्मच को भी अच्छी तरह साफ़ कर लें  newborn nutrition corona virus

 

यदि माँ कोविड 19 से संक्रमित है या उसकी संभावना है: 

• कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चे को जन्म के पहले घंटे एवं 6 माह तक केवल माँ का ही दूध पिलायें 

• शिशु को संक्रमित माता से 6 फीट की दूरी पर रखा जाए जबतक कि माँ का टेस्ट दो बार नेगेटिव न आ जाए

• शिशु की देखरेख एवं स्किन टू स्किन संपर्क के लिए घर की किसी स्वस्थ महिला का सहयोग लिया जा सकता है

6 महीने पूरे होने के बाद बच्चे को दें संपूरक आहार: 

शिशु के 6 महीने पूरे होने के बाद उनके बेहतर मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान के साथ  संपूरक आहार की जरूरत होती है. 6 माह के बाद स्तनपान के साथ संपूरक आहार शिशुओं को देना चाहिए. साथ ही शिशु को 2 साल तक स्तनपान करवाना जारी रखना चाहिए. इसके लिए बच्चे को अलग से कटोरी में खाना खिलाना चाहिए. खाना बनाने, खिलाने या खाने से पहले 40 सेकंड तक पानी एवं साबुन से हाथ धोना जरुरी है. newborn nutrition corona virus

 

6 महीने के बच्चे को 2-3 चम्मच खाना दिन में 2 से 3 बार. 6 से 9 महीने के बच्चे को आधा कटोरी खाना दिन में 2 से 3 बार. 9 से 12 महीने  के बच्चे को आधा कटोरी खाना दिन में 2 से 3 बार. 1 से 2 साल तक के बच्चे को 1 कटोरी खाना दिन में 3 से 4 बार देना जरुरी है.

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Sunday 12 April 2020

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर खुद को रखें स्वस्थ

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर अभी देश भर  में लॉकडाउन है। घरों पर रह रहे लोग संक्रमण के भय से परेशान भी हैं. ऐसे हालात में लोगों को अपने शरीर की रोग प्रतोरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ताकि छोटी-छोटी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना ना पड़े. इससे न सिर्फ आप बीमारी से दूर रहेंगे, बल्कि कोरोना से खिलाफ़ मजबूती से लड़ने का हौसला भी प्राप्त होगा.

खान-पान को संतुलित करें: 

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खान-पान में सुधार करें। एक रूटिन के तहत भोजन कर ही आप रोगों से दूर रह सकते हैं। वरीय फिजिशियन विनय कुमार झा कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए आहार पर नियंत्रण जरूरी है। अनावश्यक खाने से तो बचना ही चाहिए, साथ ही खाने में ऐसे चीजों का चयन करना चाहिए, जिससे फैट शरीर में नहीं आ सके। ऐसे में हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कई बीमारियों से सुरक्षित रखती है।

साथ ही तनाव से दूर रहने की कोशिश करें और नींद भी पूरी करें। छोटी-मोटी ऐसी कई बीमारियां होती हैं, जिनसे हमारा शरीर खुद ही निपट लेता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर बीमारियों का असर जल्दी होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार ये खानपान की लापरवाही से होता है, तो कुछ मामलों में देखा गया है कि यह जन्मजात कमजोरी की वजह से भी होता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर इम्यून पावर कमजोर हो जाए तो उसे बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए? आइए हम आपको बताते हैं कि इसे बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए।

खूब पानी पीएं:

पानी अधिक पीने से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है। साथ ही इसके साथ शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पानी को थोड़ा गर्म कर पीने से ज्यादा फायदा होता है। हां, फ्रिज के पानी के सेवन न के बराबर करें।

भरपूर मात्रा में लें मौसमी फल:

पपीता, संतरा, अंगूर व सेब के सेवन से भी आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी। रसदार फलों में विटामिन सी होता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। फल को आप पूरा भी खा सकते हैं या फिर उसका रस निकालकर खाएं, दोनों ही तरीके आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। रस में नमक और चीनी का इस्तेमाल करने से बचें।

अंकुरित अनाज व सलाद का करें सेवन:

मूंग व चना के साथ दालों को अंकुरित कर इसका सेवन करें। अंकुरित अनाज से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह पाचन क्रिया में भी सहयोग करता है। इसमें पौष्टिक तत्त्व भी होते हैं। साथ ही भोजन के साथ सलाद का उपयोग अधिक से अधिक करें। ककड़ी, टमाटर, मूली, गाजर, पत्तागोभी, प्याज व चुकंदर को सलाद में शामिल करें। हां, खाने से पहले इसे अच्छी तरह से धो लें। संभव हो तो गर्म पानी में इसे धोएं।

भरपूर नींद लें:

सोने में कोई समझौता नहीं करें। भरपूर मात्रा में नींद लेने पर आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों को देर रात तक जगने की आदत हो गई है। इस वजह से लोग भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं। इससे भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए आठ घंटे की नींद आवश्यक है।

तनाव से रहें दूर:

यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। अगर आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो तनाव नहीं लें। तनाव लेने से दिल के तेजी से धड़कने, पाचन क्रिया मंद पड़ने, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली में कमी आने और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।

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