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Thursday 13 June 2019

जाने खड़े होकर खाना खाने के नुकसान | Healthy life tips

घरेलु नुस्खा चैनल में आप सभी का एकबार फिर से स्वागत है. दोस्तों आज जिस टॉपिक पर मैं बात करने वाला हूँ वो है खड़े हो कर खाना खाने के नुक्सान। जी हाँ दोस्तों आज कल ये चलन हो गया है. वेस्टर्न लिफ़ स्टाइल के कारन लोग पार्टी में खड़े होकर खाना खाना स्टैण्डर्ड समझते हैं. और नीचे ज़मीं पर बैठ कर खाना खाने वालों को लोग गवार समझते हैं.

लेकिन अब ये एक रिसर्च में ये साफ़ हो गया है और वैज्ञानिकों ने भी ये मान लिया है के खड़े होकर खाना खाने से बहुत सारे नुक्सान होते हैं. खड़े होकर खाने से आपका पाचन तंत्र ख़राब होने लगता है और इतना ही नहीं, आपको खाने में स्वाद भी नहीं मिलता है. और जब आपको खाने में स्वाद नहीं लगेगा तो आपका खाने से भी मन उठता चला जायेगा. जिससे आपके लिवर पर भी असर हो सकता है और आपका हॉर्मोन सिस्टम भी कमजोर हो सकता है, साथ ही आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो सकता है. जी हाँ दोस्तों, जैसे हमारे पूर्वज पालथी मार कर खाना खाया करते थे, अगर आप भी वही तरीका अपनाएं तो न केवल आपके शरीर में खाना लगता है बल्कि आपको भोजन करने में भी रूचि बनी रहती है. रुखा सूखा खाना भीं आपको स्वादिष्ट लगने लगता है.

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आप शहर के लोगो का खान पान का तरीका देखें तो पता चलता है के उन्हें अच्छे से अच्छा खाना भी स्वादिष्ट नहीं लगत. वहीँ गांव के लोग नीचे बैठ कर खाना कहते हैं जिससे उनका पाचन तंत्र मजबूत रहता है और उन्हें रुखा सूखा खाना भी स्वादिष्ट लगता है. ऐसे लोग मजबूत और तंदुरुस्त रहते हैं और इन्हे कोई बीमारी भी छू कर नहीं गुज़रती. इसीलिए दोस्तों हम सभी को आलथी – पालथी मार कर भोजन करना चाहिए. यहाँ तक की टेबल कुर्सी पर बैठ कर खाना खाना भी हमारे लिए नुकसानदायी है क्यूंकि कुर्सी पर बैठ कर भी हमारा शरीर पूरी तरह रिलैक्स नहीं रहता.

इस संबंध में अमेरिका में साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दीपायन विश्वास के किये गए एक शोध या रीसर्च के अनुसार गुरुत्वाकर्षण बल हमारे शरीर के निचले हिस्से के रक्त को तेज़ी से खींचता है जिसकी वजह से हृदय को रक्त को वापस ऊपर खींचने के लिए तेज़ी से काम करना पड़ता है और हृदय गति बढ़ जाती है. इस क्रिया कलाप में काम करने वाले हॉर्मोन कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जिसकी वजह से स्वाद का पता लगाने की संवेदनशीलता काम हो जाती है. और ऐसे में आप चाहे कितना भी स्वादिष्ट या बढ़िया खाना खाएं, वो आपको स्वादिष्ट नहीं लगता. वहीं यदि आप प्रॉपर तरीके से बैठ कर खाना नहीं खाएंगे तो वो भोजन आपको स्वादिष्ट नहीं लगेगा. यही वजह है के मेहेंगे रेस्टोरेंट्स में भी लोग बढ़िया खाना भी प्लेट में छोड़ कर चले जाते हैं.

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शोधकर्ता ने सबसे पहले 350 लोगो को सेलेक्ट किया था और उन्हें पहले खड़े होकर खाना खिलवाया और फिर उन्हें बिठा कर खाना खिलाया और दोनों में अंतर करने के बाद जो निष्कर्ष निकला वह निष्कर्ष भारतीय परंपरा अनुसार बैठ कर खाना खाने को उचित बताया. और दोस्तों जैसा की मैं आपको शुरू से कहता आ रहा हूँ के अगर हम हमारे पूर्वजों के रहने खाने पीने सोने का तरीका अपना लेंगे तो हमारा शरीर स्वस्थ्य और फिट रहेगा और बीमारियां भी काम होंगी. इसीलिए दोस्तों पश्चिमी सभ्यता को छोड़ कर पुरानी भारतीय सभ्यता को अपनाएं. हाँ, वेस्टर्न कपडे पहनना और दिखने के तरीके को अपनाना कोई बुरी बात नहीं है. पर खान पान का तरीका भारतीय ही होना चाहिए.

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